कुछ नहीं, सिवा मुहब्बत के
ना जुस्तजू है किसीकी /
ना जज़्बा है कायम //
ना यारी है किसिसे /
ना कैलोकाल का आलम //
ना सरूर मय है ये /
ना शिकवा खुमार से //
ना चलते हैं कहींको /
और ना पासबाँ कायम //
ना मौजों में हूँ ठहरा /
ना साहिल में हूँ हरकत //
ना शहरों में हूँ सावन /
ना वीरानों में पतझड़ //
ना कब्रे हयात में /
ना मौजों की रात में //
आशिक़ फ़िगार हूँ /
अल्लाह तोफीक से //
No One, But Love
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